महालाक्षमी की विष्णु जी के साथ बैठे हुई तस्वीर अपने मंदिर मे लगाए. जिस तस्वीर मे विष्णु जी क्षीर सागर मे लेट हुए हो और लक्ष्मी जी उनके पैरू के पास बैठी हो. आज से दीपावली तक रोजाना उस मूर्ति या तस्वीर की रोज पूजा करे. श्री सुक्तम के 16 मंत्रो का रोजाना पाठ करे.
पूजा करते समय एक सुपारी पर कलॉवा लपेट कर एक कटोरी मे चावल भरकर उसके उपर सुपारी रखे. कलावा लपेटे हुए सुपारी को गणेश जी मानकर रोज पूजा करे. इन्हे अक्षत, कुमकुम और फूल अर्पित करे.
हर मंगलवार को सरसो के तेल का दिया लौंग डालकर हनुमान जी के सामने जलाए.
दीपावली तक हर हफ्ते अशोक के पेड़ के पत्तो से तोरण बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार पर लगाए.
हर दिन दीपावली तक पीली कोडिया लक्ष्मी को अर्पित करे.
नोमुखी दिया लक्ष्मी जी के सामने जलाए. और महालाक्षमी जी की आरती करे.
अब से दीवाली तक पहली रोटी गाए को खिलाए.
अपने घर के आसपास या किसी सार्जनिक स्थान पर पीपल के पेड़ लगाए.
अपने माता-पिता, चाचा-चाची या किसी भी स्वर्ग वासी के नाम से पीपल का पेड़ लगाए और उसमे रोज पानी दे. इससे सभी पितृदोष समापत हो जाएँगे.
यदि आपने अपने पूरे जीवनकाल मे 8 पीपल के पेड़ लगा दिए है तो आपको कभी भी पैसो की तंगी नही होगी. इस से अकाल मृत्यु का भय भी नही रहेगा.
दीपावली के दिन लक्ष्मी जी पूजा स्थिर लगन मे ही करे. जो वयक्ति लक्ष्मी जी की पूजा स्थिर लगन मे करता है उसके घर मे लक्ष्मी जी का अस्थाई वास हो जाता है.
अब से दीपावली तक लक्ष्मी जी के साथ शिव जी की भी पूजा करे. हर सोमवार को शिवलिंग पर अक्षत चडाए. अक्षत चडाने से कभी भी दरीदरता नही आती है.
दीपावली पर श्रीफल (नारियल) पर अक्षत, कुमकुम, फूल अर्पित करे. इस नारियल को अपने पास रखे.
फॅशन मे पड़कर कभी भी फटी हुई जींस ना पहने.
यदि शनि-राहु के कारण आर्थिक तंगी हो रही है तो पीपल के पेड़ पर जल चडाए.
पानी मे कच्चा दूध और गंगाजल मिलकर नहाई.
पीपल के पेड़ के 11 पत्तो पर चंदन से राम-राम लिखे. इन पत्तो को माला मे पिरोकार हनुमान जी को चडाए
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